पाकिस्तान में महंगाई दर ने तोड़ा पांच दशक का रिकॉर्ड
इस्लामाबाद । तंगहाली में जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई ने पांच दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। साल-दर-साल के आधार पर मार्च में महंगाई दर 35.37 फीसदी पर पहुंच गई है। पाकिस्तान की सरकार ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) से बेलआउट पैकेज के लिए पॉलिसी में बदलाव किया था। इस वजह से ब्याज दरें बढ़ी थीं और इसका असर तमाम चीजों पर देखने को मिला। खत्म हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से पाकिस्तान रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को आयात करने में सक्षम नहीं है। इस वजह से आटे और दाल जैसी वस्तुओं के लिए लोगों को कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
आर्थिक संकट से निकलने के लिए पाकिस्तान को आईएमएफ के बेलआउट पैकेज की सख्त जरूरत है, लेकिन पाकिस्तान को ये पैकेज अब तक नहीं मिल पाया है। शनिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महीने-दर-महीने के आधार पर पाकिस्तान में महंगाई दर 3.72 फीसदी रही। खराब वित्तीय प्रबंधन और राजनीतिक अस्थिरता ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पतन के कगार पर धकेल दिया है। रही-सही कसर पिछले आई बाढ़ ने पूरी कर दी थी, जिसमें पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया था।
इस भीषण आर्थिक संकट से निकलने के लिए पाकिस्तान को अपने मौजूदा कर्ज चुकाने हैं। इसके लिए उसे अरबों डॉलर के फंड की जरूरत है। पाकिस्तान की गरीब जनता को इस आर्थिक उथल-पुथल का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। रमजान के महीने में फूड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर पर भीड़ की वजह से कम से कम 20 लोगों की मौत हुई है। कराची की एक एनालिस्ट शाहिदा विजारत ने कहा कि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, मेरा मानना है कि अकाल जैसी स्थिति पैदा हो रही है। दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान आर्थिक संकट से उबरने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लगातार गुहार लगा रहा है, लेकिन आईएमएफ ने अब तक उसे मदद देने पर मुहर नहीं लगाई है। पाकिस्तान को वैश्विक निकाय से 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दरकार है। खराब आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान के ऊपर अरबों रुपये का कर्ज है।
पाकिस्तान के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक की है। यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है। वहीं इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, इसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है। पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था।