बोगोटा । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने कोलंबियाई समकक्ष अलवारो लेवा डुरान से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर बुधवार को पनामा से कोलंबिया की राजधानी पहुंचे। कोलंबिया की यात्रा करने वाले वह पहले विदेश मंत्री हैं। जयशंकर ने बुधवार को बैठक के बाद ट्वीट किया कि कोलंबिया के विदेश मंत्री अलवारो लेवा डुरान से मुलाकात की। स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल क्षेत्र में हमारे द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि खासकर क्षमता निर्माण में आपसी संवाद बढ़ाने और मजबूत सहयोग का प्रस्ताव रखा। हिंद-प्रशांत सहित वैश्विक मुद्दों पर भी बात की। अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां एक मुक्त, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही हैं। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर सामरिक भारत-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति प्रमुख वैश्विक शक्तियों के बीच चर्चा का एक प्रमुख विषय बन गई है। चीन दक्षिण तथा पूर्वी चीन सागर में कई क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है। चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपने मानव निर्मित द्वीपों का सैन्यीकरण करने में भी काफी प्रगति की है।
चीन समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। हालांकि, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र में अपने दावे करते हैं। पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ भी क्षेत्रीय विवाद है। जयशंकर ने कोलंबिया की सीनेट के दूसरे उपाध्यक्ष होनोरियो हेनरिकेज़ से भी मुलाकात की और स्वास्थ्य, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया कि मेक इन इंडिया’ के कई रूप हैं। कोलंबिया में भी तमिलनाडु से मंगाई गई एक चीज देखी। पता चला कि मेरे कोलंबियाई समकक्ष भी रॉयल इनफील्ड (बाइक) की सवारी करते हैं। जयशंकर गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिकन रिपब्लिक की नौ दिनों की यात्रा पर हैं। विदेश मंत्री के रूप में लातिन अमेरिकी देशों तथा कैरिबियाई क्षेत्र की उनकी यह पहली यात्रा है।