तिरुवनंतपुरम । केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि राज्य स्वास्थ्य प्रणाली के प्रभावी और समय पर हस्तक्षेप से निपाह के चौथे प्रकोप में मृत्यु दर 33 प्रतिशत तक कम हुई है। उन्होंने निपाह से संक्रमित सभी चार व्यक्तियों के जूनोटिक बीमारी से उबरने के मद्देनजर यह बयान दिया। केरल सरकार ने घोषणा की कि कोझिकोड में निपाह का इलाज करा रहे लोगों में से एक नौ वर्षीय लड़का ठीक हो गया है। जॉर्ज ने कहा कि केरल में देखा गया वायरस का प्रकार बांग्लादेश संस्करण था, जिसकी मृत्यु दर आम तौर पर उच्च है। यह वैरिएंट 70-90 प्रतिशत संक्रमित लोगों में मौत का कारण बन सकता है। मंत्री ने कहा कि हमने कोझिकोड में कुल छह प्रभावित व्यक्तियों में से दो की जान गंवा दी है, जिसका मतलब है कि हमारी मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम 33.3 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि रोगियों की अपेक्षाकृत जल्दी पहचान और एंटीवायरल दवाओं का उपयोग करके उपचार कम मृत्यु दर का कारण हो सकता है।
जॉर्ज ने बताया कि इस बार वायरस के प्रकोप का एक और महत्व यह था कि पहले मरीज के अलावा किसी और से बीमारी का संचरण नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रभावी हस्तक्षेप से 11 सितंबर के बाद एक भी मरीज को संक्रमित होने से रोकने में मदद मिली। मंत्री ने कहा कि भविष्य में निपाह संक्रमण के कारण मानव जीवन के नुकसान को पूरी तरह से रोकने के लिए अनुसंधान गतिविधियों को और मजबूत किया जाएगा। जॉर्ज ने कहा कि उन्होंने संक्रमण से उबर चुके सभी चार लोगों से वीडियो कॉल के जरिए बात की। उन्होंने कहा कि वे सभी एक घातक संक्रमण से सफलतापूर्वक लड़ने और बीमारी से पूरी तरह से उबरने के बाद घर लौट रहे थे। उन्होंने कहा, उनमें से एक नौ साल का लड़का कई दिनों से वेंटिलेटर पर था और यह एक बड़ी राहत है कि ऐसा मरीज वापस जीवन में आ गया है।