भोपाल । प्रदेश की अदालतों में फिजिकल हियरिंग शुरू कराने की मांग को लेकर सैकडों की संख्या में वकीलों ने अपने हस्ताक्षर युक्त पत्र  दूसरी बार मुख्य न्यायाधीश को सौंपा। पत्र में अविलंब अदालतों में  फिजिकल हियरिंग शुरू करने की मांग की गई अन्यथा आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ को दूसरी बार पत्र सौंपा गया। इसके जरिये प्रदेश की अदालतों में अविलंब फिजिकल हियरिंग शुरू किए जाने पर बल दिया गया। ऐसा न किए जाने की सूरत में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई।डेमोक्रेटिक लायर्स फोरम के अध्यक्ष अधिवक्ता ओपी यादव व सचिव रविंद्र गुप्ता ने बताया कि एक सैकड़ा से अधिक वकीलों के हस्ताक्षर करवाकर मुख्य न्यायाधीश को दूसरी बार पत्र सौंपा गया है।यदि इस पत्र के बावजूद हाई कोर्ट प्रशासन ने वर्चुअल के स्थान पर फिजिकल हियरिंग शुरू नहीं की तो वकीलों के सब्र का बांध टूट जाएगा। कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान वकील बुरी तरह टूट गए थे।कोरोना की तीसरी लहर के शुरू होते ही छह जनवरी को हाई कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई शुरू हो गई थी।उस समय हालात को देखते हुए वकीलों ने इस निर्णय का समर्थन किया था। लेकिन अब प्रदेश में कोरोना के केस हर दिन कम हो रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकारों ने भी पाबंदियों में छूट दे दी है। लिहाजा, वकीलों का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए अदालत में फिजिकल सुनवाई शुरू हो जानी चाहिए। वकीलों ने भरोसा दिलाया है कि अदालत परिसर और कोर्ट रूम में कोरोना गाइडलाइन और हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों का पूरा पालन करेंगे। फिजीकल हियरिंग के अभाव में परेशानी हो रही है।पंजाब-हरियाणा सहित कई हाई कोर्ट ने भी फिजिकल हियरिंग शुरू कर दी है इसके बावजूद मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं हो पाया है।