लंदन । कनाडा से मैक्सिको तक आने जाने वाली मोनार्च प्रजाति की तितलियों को सफर करने में प्रकाश प्रदूषण के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।नए अध्ययन में सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्रकाश प्रदूषण मोनार्च तितलियों की दिशा विन्यास क्षमता को प्रभावित कर रहा है। मोनार्च तितलियां कई पीढ़ियों तक विस्थापन की प्रक्रिया से गुजरती हैं। 
इस शोध में पाया गया है कि जब भी तितलियों का बसेरा किसी कृत्रिम प्रकाश के पास होता है तो अगले दिन के प्रकाश में दिशाहीन हो जाती हैं और उन्हें अपना रास्ता खोजने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह यही पाई गई किससे उनके चक्रीय ताल में बाधा पड़ती है।मोनार्च प्रजाति की तितलियों में कृत्रिम प्रकाश उनमें शानदार दिशाज्ञान क्षमता की आणविक प्रक्रिया को प्रभाव करता है और तितिलियों के पंख को तब सक्रिय कर देता है जब उन्हें आराम की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि निर्माण स्थल पर उपयोग में लाई जाने वाली वर्क लाइट तक को तितलियां सूर्य की तरह मान लेती हैं। इन तितलियों की अप्रत्याशित उड़ान के कारण यह मानना मुश्किल है कि वे एक खास योजना के तहत अपनी उड़ान भरती हैं और कुछ मोनार्च जनसंख्या तो कनाडा से मैक्सिकों तक हजारों मील की उड़ान भरती हैं। 
अब शोधकर्ता यह जानना चाहते हैं क्या प्रकाश प्रदूषण का इस विशाल विस्थापन पर कोई प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं ने बताया कियह अहम सवाल इसलिए हैं कयोंकि बहुत सी तितलियां शहरी क्षेत्र से होकर गुजरती हैं। ऐसे में कुछ पारिस्थितिकीय आंकड़े यह जानने में मददगार होंगे कि प्रकाश प्रदूषण का इनके दिशाज्ञान आदि पर क्या असर होता है। मोनार्च तितलियाम अपने आंतरिक दिकसूचक की प्रणालियों के संचालन के लिए रात के अंधेरे पर निर्भर होती हैं। इससे इन कीटों को दक्षिण में सर्दियों के मैदानों में पहुंचने और वहां से वापस आने में किसी दिशा में जाना है, पता चलता है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि जानवर दिन और रात की जानकारी प्रोटीन को विखंडन और उत्पादन की लिए लगे आणविक तंत्र के लिए करते हैं। 
प्रकाश प्रदूषण सामान्य चक्रीय तालऔर जंगली जानवरों एवं लोगों में जागृत निंद्रा चक्र को प्रभावित कर सकता है। शहरों के प्रकाश की वजह से समुद्री कछुओं जैसे जानवरों की तरह दिशाज्ञान  में गड़बड़ी कर सकता है। समुद्री कछुओं के बच्चे महासागर में चंद्रमा के प्रकाश को गलत समझ लेते हैं और पानी से दूर चले जाते हैं। शोधकर्ताओं ने प्रकाश प्रदूषण का उन पक्षियों और दूसरे जानवरों पर पड़ने वाले प्रभाव भी अध्ययन किया है जो रात को विस्थापित होते हैं। शोधकर्ता इस बार अपना ध्यान उन जानवरों पर केंद्रित करना चाहते थ जो दिन में विस्थापित होते हैं। पूर्वी रॉकी पर्वतमाला में रहने वाली लाखों की तादाद में मोनार्च तितलियां गर्मियों में दक्षिण कनाडा के अपने प्रजजन मैदानों को छोड़ कर चार हजार किलोमीटर का सफर कर मैक्सिको की ओर रवाना होती हैं। एक बार जाकर वापस आने में इन तितलितों की पांच प्रजातियों का समय लग जाता है।
 रास्ते में ये तितलियां अपने आंतरिक घड़ी का उपयोग कर आकाश में सूर्य की स्थिति के अनुसार अपनी दिशा का पता लगाती हैं।शोधकर्ताओं ने पाया कि जब भी रात के समय सड़कों की लाइट या किसी दूसरे स्रोत से मोनार्च तितलियां को प्रकाश मिलता है, तो उन्हें चरण बदलाव का अनुभव हो सकता है जिससे उनका शरीर सोचता है कि समय आगे चल रहा है या पीछे चल रहा है। यह एक तरह से जेटलेग की तरह है। इसमें मुख्यतः समय की संवेदनशीलता प्रभावित होती है।