भोपाल ।    प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने के बाद चिकित्‍सा शिक्षा विभाग ने इस बार एक और पहल की है। धनतेरस के मौके पर आज प्रदेश के ऐलोपैथी चिकित्सा महाविद्यालयों में आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जा रही है। यह परंपरा अब हर साल निभाई जाएगी। राजधानी के गांधी मेडिकल कालेज में भी भगवान धनवंतरि की पूजा का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कुछ देर पहले चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास सारंग जीएमसी पहुंचे और पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्‍चार के साथ विधि-विधानपूर्वक पूजा संपन्‍न कराई। इस कार्यक्रम में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा एमबीबीएस के विद्यार्थी, जूनियर डाक्टर भी शामिल हैं। इस कार्यक्रम से पूर्व चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास सारंग तुलसी नगर स्थित आरोग्य भारती कार्यालय में भी पहुंचें और आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि के मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के लिए आरोग्यता एवं आनंदमय जीवन की प्रार्थना की। गौरतलब है कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विगत मंगलवार को इस बात की घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कालेजों में इसी साल से भगवान धन्वंतरि का पूजन शुरू होगा। चिकित्सकों की नई पौध को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने के लिए यह आयोजन शुरू किया जा रहा है। सभी भगवान धन्वंतरि से प्रार्थना करेंगे के प्रदेश में सभी लोग स्वस्थ रहें। हिंदू मान्यताओं हिसाब से धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। वह देवताओं के वैद्य थे। उन्हें आयुर्वेद का जन्मदाता कहा जाता है। आयुर्वेद में उनकी परंपरा को चरक ने आगे बढ़ाया था। चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि आयोजन का उद्देश्‍य यह है कि एबीबीएस छात्र जब डाक्टर बनें तो वह मरीजों का उपचार पूरी तन्मयता के साथ भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से करें।