भोपाल   मध्य प्रदेश में इस बार नर्मदा उत्सव पर 11 जिलों में निर्झरनी महोत्सव आयोजित किए जाएंगे। इस बार के नर्मदा उत्सव के दौरान सरकार लोगों को भगवान राम और आदिवासियों के बीच रिश्ते को बताएगी। निर्झरनी महोत्व के दौरान सरकार भगवान राम और आदिवासियों के बीच की अनूठी कड़ी को प्रदर्शन किया जाएगा। 

राज्य के संस्कृति और पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया, उत्सव के दौरान गोंड और बैगा जनजति के अलग-अलग नृत्य, आध्यात्मिक संगीत कार्यक्रम और अवधी संगीत कार्यक्रम होंगे। नर्मदा कथाओं पर आधारित आदिवासी चित्रों की प्रदर्शनी, रामायण में वर्णित वन-निवास पात्रों पर केंद्रित फोटो प्रदर्शनी भी दिखाई जाएगी। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से पहली बार शबरी और निषादराज पर नाटक प्रस्तुत किया जाएगा।

राज्य सरकार ने साल 2020 में शबरी, एक आदिवासी साध्वी और एक आदिवासी निषादराज पर रिसर्च करने का फैसला किया था। निषादराज ने वनवास के दौरान भगवान राम की मदद की थी। उन्होंने भगवान राम को गंगा नदी पार करने में मदद की थी। इसके साथ-साथ रिसर्च प्रोजेक्ट में आदिवासियों को उनके और भगवान राम के बीच संबंध के बारे में बताते हुए एक राम लीला तैयार करना भी शामिल था।

संस्कृति विभाग द्वारा नियुक्त पटकथा लेखक योगेश त्रिपाठी ने पांच महीने के शोध के बाद आदिवासियों के लिए तीन राम लीलाओं की पटकथा तैयार की। त्रिपाठी ने कहा, 'मैं उत्साहित हूं क्योंकि यह पहली बार है जब हम भगवान राम और आदिवासी के बीच संबंध को बताने जा रहे हैं। यह इस बारे में है कि कैसे भगवान राम को आदिवासियों से प्रेरणा मिली।'