चेन्नई । मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के गिरफ्तार मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर बंटा हुआ फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति जे. निशा बानू ने मंत्री की गिरफ्तारी को अवैध बताकर उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश दिया। वहीं, न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती ने न्यायमूर्ति निशा बानू के फैसले को टाल दिया। अब यह फैसला मुख्य न्यायाधीश एस.वी. गंगापुरवाला द्वारा तैनात तीसरे न्यायाधीश द्वारा होगा। रिपोर्ट के अनुसार, सेंथिल बालाजी की पत्नी ने अपने पति की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने दलील दी थी कि ईडी गिरफ्तारी के समय प्रक्रियाओं का पालन करने में विफल रही है।
गिरफ्तार मंत्री की पत्नी एस. मेगाला ने अदालत से प्रार्थना की कि गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर उनके पति को रिहा किया जाए। वहीं, ईडी ने अपनी प्रतिक्रिया याचिका में कहा था कि सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी पूरी तरह से कानूनी थी। उन्हें आगे की पूछताछ के लिए विभाग को सौंप दिया जाना चाहिए।