राज्य सरकार ने कांग्रेस के छह और नेताओं को मंत्री का दर्जा दिया है। इसमें निगम-मंडलों अध्यक्षों और सदस्यों को यह दर्जा मिला है। मंत्री का दर्जा पाने वालों में तीन विधायक भी शामिल है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि मंत्री का यह दर्जा केवल प्रशासनिक शिष्टाचार के लिए होगा। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी दो अलग-अलग आदेशों में नेताओं को मंत्री का दर्जा दिया गया। पहले आदेश में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और विधायक डॉ. प्रीतम राम को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। कॉर्पोरेशन के दो अन्य सदस्यों डॉ. विनय जायसवाल और डॉ. के.के. ध्रुव को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इसी आदेश के जरिए छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष और पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। 

सरकार के गठन के बाद से अब तक 32 नेताओं को मंत्री का दर्जा मिल चुका है। आखिरी बार सुरेंद्र शर्मा और भानुप्रताप सिंह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। मंत्री दर्जे की पहली लिस्ट 2020 में आई थी। उसमें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू और खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था।सरकार ने अभी तक जिन नेताओं के लिए मंत्री का प्रोटोकाल तय किया है उनमें, क्रेडा के अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, मछुआ बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, अन्त्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष धनेश पाटिला और छत्तीसगढ़ औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक का नाम भी शामिल है।