नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार संसद में पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने को फिलहाल तैयार नहीं है। सोमवार को सभी पार्टियों के साथ बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ये जानकारी दी। इसी के साथ एक बात स्पष्ट हो गई है कि मानसून सत्र की तरह ही संसद का बजट सत्र भी हंगामेदार हो सकता है। बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने के साथ हो गई। सत्र 8 अप्रैल तक जारी रहेगा, जिसके बीच में एक महीने का ब्रेक भी होगा। संसद के बजट सत्र में विपक्ष द्वारा पेगासस स्पाइवेयर का मुद्दा उठाए जाने के संबंध में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि इस मुद्दे पर अलग से चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि यह मामला विचाराधीन है। उन्होंने कहा, "हमने विपक्ष से कहा है कि बजट सत्र के पहले भाग के दौरान हम केवल बजट और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कर सकते हैं। इसलिए, एक अलग चर्चा करना संभव नहीं होगा। मामला अदालत के अधिकार क्षेत्र में है। सोमवार को ऑल-पार्टी मीट के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "कई पार्टियों ने पेगासस का मुद्दा उठाया है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति मामले की जांच कर रही है। इसलिए (बजट सत्र के पहले भाग में) बजट से संबंधित मुद्दों को ही उठाया जाना चाहिए।" प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में 25 दलों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, "सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग में केवल राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जाता है।" उन्होंने कहा, "इस (पेगासस) मुद्दे पर जो कुछ भी कहने की जरूरत है, वह सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल मानसून सत्र के दौरान सदन के पटल पर पहले ही कह दिया था।" विपक्ष के कई सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आईटी मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का उल्लंघन दर्ज करने की मांग की है। इस पर जोशी ने आगे कहा, "वे आगे बढ़ सकते हैं। इसे स्वीकार करना या न करना स्पीकर पर निर्भर करता है लेकिन इसमें कोई दम नजर नहीं आता। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने  कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने उन्हें सदन के संचालन में सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया है और उम्मीद है कि बजट सत्र के दौरान संसद सुचारू रूप से चलेगी। बिड़ला ने सोमवार को लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।