काठमांडू । नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि उनका लक्ष्य भारत की अपनी आगामी यात्रा के दौरान एक नया इतिहास रचने का है। प्रचंड 29 मई को भारत की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, मैं अपने द्विपक्षीय संबंधों में नई गतिशीलता जोड़ने के लिए भारत जा रहा हूं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार मेरी भारत यात्रा के दौरान हमें कुछ नई चीजें मिलेंगी। प्रचंड ने कहा, यह नेपाल और भारत दोनों के लिए एक अच्छा मौका है। हम अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ हमारे सहयोग के क्षेत्रों में नए रास्ते तलाशेंगे। 
प्रचंड की यात्रा की तैयारियों के बीच नेपाली विदेश मंत्री एन.पी. सऊद ने पूर्व विदेश मंत्रियों, भारत में राजदूतों और पूर्व विदेश सचिवों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर उनसे इस बात पर चर्चा की है कि यात्रा के दौरान क्या किया जाना चाहिए। प्रचंड 3 जून को स्वदेश लौटने से पहले मुंबई भी जाएंगे। 25 दिसंबर, 2022 को प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। किसी भी नेपाली प्रधानमंत्री के पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले भारत आने की एक लंबी परंपरा रही है प्रचंड ने हालांकि कहा कि पहले भारत आने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।
भारत के साथ हमारी खुली सीमा है और हमारे आर्थिक, राजनीतिक संबंधों और लोगों से लोगों के संबंधों के कारण, भारत के साथ हमारा संबंध अद्वितीय है। इस तरह का संबंध दुनिया में कहीं भी नहीं है। इसकारण यह एक परंपरा बन गई है। इसलिए सभी पहले भारत का दौरा करते हैं। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं हो रहा है, जिसका सबूत मैं खुद हूं।
परंपरा को तोड़कर प्रचंड ने 2008 में चीन का दौरा किया, जब वह पहली बार प्रधान मंत्री चुने गए और बीजिंग ओलंपिक में भाग लिया। जब मैं पहली बार प्रधान मंत्री था, मैंने अपनी पहली चीन यात्रा की थी। लेकिन अब, मुझे लगता है कि यह उचित है कि मुझे फिर से भारत आना चाहिए, न केवल मजबूरी या परंपरा के कारण, बल्कि हमारी जरूरतों के कारण। उन्होंने कहा, और भारत यात्रा की तैयारी अच्छी है। लेकिन भारत में चुनाव और हमारे अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई। मैं अब बजट के पीछे जा रहा हूं। 29 मई को सदन में बजट पेश किया जाएगा।