मैड्रिड । यूक्रेन में भीषण हमले कर रहे रूस को यूरोप में किसी भी दुस्‍साहस का करारा जवाब देने के लिए नाटो ने भी अब कमर कस ली है। नाटो के महासचिव जेन्‍स स्‍टोल्‍टेनबर्ग ने कहा है कि स्‍पेन में अगले महीने होने जा रही शिखर बैठक रूसी हमले को देखते हुए हमारे गठबंधन को मजबूत करने का ऐतिहासिक मौका होगा। इस बैठक में फिनलैंड और स्‍वीडन भी शामिल होंगे जो नाटो में शामिल होने जा रहे हैं। रूस फिनलैंड और स्‍वीडन के नाटो में शामिल होने के फैसले से बुरी तरह से भड़का हुआ है और उत्‍तरी यूरोप में अपनी सैन्‍य तैनाती को बढ़ा रहा है। स्‍पेन की राजधानी मैड्रिड में नाटो महासचिव ने कहा कि वह स्‍वीडन और फिनलैंड को शिखर सम्‍मेलन में शामिल किए जाने को लेकर बहुत उत्‍साहित हैं। यह बैठक 29-30 जून को होने जा रही है। उन्‍होंने कहा कि मैड्रिड बैठक में अगले एक दशक के लिए आगे बढ़ने की रणनीति बनेगी। स्‍टोल्‍टेनबर्ग ने कहा ‎कि हमारे साथ फिनलैंड और स्‍वीडन भी शामिल होंगे जिन्‍होंने हाल ही में नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है। मैड्रिड बैठक नाटो के मूल्‍यों की फिर से पुष्टि करने का महत्‍वपूर्ण मौका होगा।
नाटो महासचिव फिनलैंड और स्‍वीडन को लेकर यह दावा तब कर रहे थे जब उन्‍होंने अभी तक तुर्की की आपत्ति पर कोई जवाब नहीं दिया है। तुर्की के पास पूरे नाटो में अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी सेना है। तुर्की ने आरोप लगाया है कि फिनलैंड और स्‍वीडन कथित रूप से कुर्दिश आतंकी गुटों को बढ़ावा दे रहे हैं। तुर्की इन कुर्दिश गुटों को आतंकी मानता है और यही वजह है कि वह स्‍वीडन और फिनलैंड का विरोध कर रहा है। नाटो के नियमों के मुताबिक किसी भी नए सदस्‍य को गठबंधन में शामिल करने से पहले बाकी सभी सदस्‍य देशों का सामूहिक समर्थन जरूरी होता है। नाटो महासचिव ने स्‍पेन के प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान भरोसा जताया था कि तुर्की को विरोध छोड़ने के लिए मना लिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि तुर्की एक महत्‍वपूर्ण सहयोगी देश है और उसने अपनी आपत्ति जताई है। हम आम सहमति से इसका हल निकाल लेंगे। नाटो की इस बैठक में रूस के अलावा चीन की बढ़ती महत्‍वाकांक्षा से अगले एक दशक में कैसे निपटा जाए, इसकी भी योजना बनेगी।