NDPS मामले में आरोपी हुआ दोषमुक्त , जिला अदालत का फैसला

मामले की पैरवी अधिवक्ता डॉ हृदय श्रीवास्तव ने की

 

छिंदवाड़ा। माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस छिंदवाड़ा ने एनडीपीएस मामले में आरोपी युवक काे गांजा विक्रय का आरोप अप्रमाणित होने पर दोष मुक्त किया। बचाव पक्ष के वकील Dr हृदेश श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पुलिस ने अभियुक्त पर गलत और झूठा मामला दर्ज किया था। वहीं पुलिस का कहना था कि वह आरोपी को पहले नहीं जानती थी। इसके अलावा गवाहों के बयानों में भी काफी मतभेद पाए गए। जिसके चलते युवक को आरोप से बरी किया गया है।

यह है पूरा मामला

अभियोजन की ओर से कहानी बताई गई थी कि आरोपी गांजे की डिलीवरी करने आने वाला है तत्संबंध में उप निरीक्षक रविंद्र पवार कार्यवाही करते हुए अभियुक्त को पकड़ते हैं और उसके पास से गांजे की कुल जपती 1513 ग्राम बताते हैं तद अनुसार कार्यवाही करते हुए थाना सिटी कोतवाली छिंदवाड़ा पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध स्वापक औषधि और मन प्रभावित पदार्थ अधिनियम 1985 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर दिया जाता है। संपूर्ण घटनाक्रम भगवान श्री चंद स्कूल छिंदवाड़ा के आसपास की बताई गई थी।

मामले की पैरवी करते हुए आरोपी के अधिवक्ता डॉक्टर हृदय श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि संपूर्ण कार्रवाई दोषपूर्ण तरीके से अभियुक्त के विरुद्ध की गई है तथा अभियुक्त को झूठा फसाया गया है।

अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता डॉ हृदेश श्रीवास्तव ने अपना पक्ष रखते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया कि अभियोजन का यह दायित्व होता है कि वह संदेह से परे जाकर मामले को सिद्ध करें किंतु इस मामले में अभियुक्त के विरुद्ध दोषपूर्ण कार्रवाई स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है।

दोनों पक्षों के तर्कों को सुनते हुए माननीय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस द्वारा अभियुक्त के अधिवक्ता डॉक्टर हृदेश श्रीवास्तव के तर्क को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि गांजे के विक्रय का आरोप प्रमाणित नहीं हो रहा है अतः अभियुक्त को दोष मुक्त किया जाता है।

न्यूज़ सोर्स : NDPS मामले में आरोपी हुआ दोषमुक्त, जिला अदालत का फैसला