भोपाल । मप्र में पहले ही बिजली 50 से 60 फीसदी महंगी है। इसके बावजूद बिजली कंपनी दाम बढ़ाने पर अमादा है। व्यापारियों के संगठन महाकोशल चेम्बर आफ कार्मस एंड इंडस्ट्री का दावा है कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और गुजरात में जहां उद्योगों को बिजली 5 से 6 रुपये प्रति यूनिट मिल रही है वहीं मप्र में एक यूनिट बिजली की कीमत 10.56 रुपये है। सिर्फ यही नहीं घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को औसत 5.68 रुपये की एक यूनिट बिजली दी जा रही है जबकि छत्तीसगढ़ और गुजरात में चार रुपये और 3.42 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है। संगठन ने इस संबंध में मप्र विद्युत नियामक आयोग को अन्य राज्यों का तुलनात्मक अध्ययन कर डेटा उपलब्ध कराते हुए बिजली के दाम बढ़ाने का विरोध किया है। महाकोशल चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के मानसेवी मंत्री शंकर नाग्देव ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक, घरेलू, वाणिज्य बिजली छत्तीसगढ़, गुजरात से 30-40 प्रतिशत महंगी मूल्य पर मिल रही है। बिजली कंपनी द्वारा दिए गए अभिमत में उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला है। इस बात को हमने तथ्यों के साथ रखकर आयोग को भेजा है। आयोग द्वारा विगत मार्च को सुनवाई की थी। कंपनियों का अभिमत सात मार्च की रात्रि 10 बजे भेजा गया। जिस पर अध्ययन के लिए सुनवाई स्थगित करने की मांग की गई थी। आयोग ने आइ मार्च की सुनवाई पूर्णकर सभी सुझाव, आपत्तिकताओं को अभिमत का अध्ययन कर 14 मार्च तक दस्तावेजों सहित उन्हें अपना पक्ष रखने की समयसीमा निश्चित की थी। उसी परिपेक्ष्य में चेम्बर की तरफ से अभिमत पर अपना पक्ष रखते हुए कंपनी के जवाब को लेकर टेरिफ आर्डर भी भेजा गया है। इधर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से पहले ही व्यापारी,कर्मचारी,आम उपभोक्ता और जनप्रतिनिधियों ने बिजली की दर बढ़ाने का विरोध किया है। संगठन ने साफ किया है कि यदि आयोग ने जन हित में निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन किया जाएगा।


बिजली के दाम बढ़े तो करेंगे आंदोलन
चेम्बर के अध्यक्ष रवि गुप्ता, उपाध्यक्ष राजेश चंडोक, हेमराज अग्रवाल आदि ने कहा कि यदि बिजली कंपनी और आयोग मनमानी करता है तो इसका कड़ा विरोध आंदोलन किया जाएगा। कोरोना महामारी के बीच में आम लोग से लेकर उद्योग की स्थिति क्योंकि कंपनी द्वारा सभी उपभोक्ताओं को दिये अभिमत गुमराह करने वाले हैं इस स्थिति में कंपनियों द्वारा प्रस्तुत मूल्य वृद्धि याचिका खारिज कर मध्य प्रदेश में भी सीमावर्ती राज्यों के समकक्ष मूल्य रखते हुए दाम कम किए जाएं जिससे कोरोनाकाल के दंश से प्रभावित उद्योगों एवं आम नागरिकों को राहत प्राप्त हो। शंकर नाग्देव, युवराज जैन गढ़ावाल, अखिल मिश्रा, अनूप अग्रवाल, अनिल जैन आदि ने मप्र विद्युत नियामक आयोग से वृद्धि याचिका को खारिज करने की मांग की है।