भोपाल । राज्य सरकार ने पंचायतों का परिसीमन पूरा कर लिया है। 286 ग्राम पंचायतें नए परिसीमन में शामिल की गई है। वहीं पंचायत से लेकर ज़िला पंचायत सदस्य तक 2300 से अधिक वार्ड नए परिसीमन में बढ़ गए हैं। 52 जिलो में ज़िला पंचायत की संख्या अब 852 से 875 हो गई है। वहीं परिसीमन के बाद मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग नए परिसीमन के अनुसार मतदाता सूची तैयार करने में जुट गया है। इससे संभावना जताई जा रही है कि पंचायत चुनाव को को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
इससे पहले पंचायतों के परिसीमन के बाद हुए विभाजन को लेकर दावे आपत्तियों को लेकर 2 मार्च को अंतिम दिन था। नए सिरे से परिसीमन के बाद 9 क्षेत्रों में भोपाल की पंचायते बंट गयी हैं और अब भोपाल में 35 नई पंचायतों का गठन हो चुका है। इस तरह भोपाल में कुल 222 पंचायतें हो गई हैं। परिसीमन के पहले भोपाल में पंचायतों की संख्या 187 थी। सबसे ज्यादा 19 नई पंचायतें फंदा ब्लॉक में बनाई गई हैं। वहीं बैरसिया में 16 नई पंचायतों का गठन हुआ है।
बता दें कि 2019 में कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन किया था और करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी। इस दौरान 102 ग्राम पंचायतों को खत्म कर दिया गया था और 1950 की सीमा में बदलाव भी किया था। मामले ने तब तूल पकड़ा जब शिवराज सरकार ने 2019 में बनाई नई पंचायतों के परिसीमन के एक साल बाद पंचायती राज अध्यादेश 2021 लाकर परिसीमन को निरस्त कर दिया था। बीजेपी का आरोप था कि पंचायतों के परिसीमन को लेकर कांग्रेस ने कई गड़बडिय़ां की थी। कांग्रेस ने कई पंचायतों को खत्म कर दिया और कई नई पंचायते बना दी थी। ये सब कांग्रेस के नेताओं ने अपने फायदे के लिए किया था। इस दलील के चलते कमलनाथ सरकार के समय में किए परिसीमन को निरस्त कर दिया था।