दरअसल कोरबा पुलिस ने 'खाकी के रंग परिवार के संग' कार्यक्रम शुरू किया है। सामुदायिक पुलिसिंग की इस पहल के अंतर्गत महिला परामर्श केंद्र में 187 परिवारों को फिर मिलाया गया।छत्तीसगढ़ की कोरबा पुलिस की खास पहल के लिए सराहना की जाना चाहिए। उसने एक-दो नहीं, बल्कि 187 परिवारों को टूटने से बचाने में अहम भूमिका निभाई है। पति-पत्नियों को एक दूसरे से इतनी नफरत हो गई थी कि वे तलाक की ओर बढ़ रहे थे। दरअसल कोरबा पुलिस ने 'खाकी के रंग परिवार के संग' कार्यक्रम शुरू किया है। सामुदायिक पुलिसिंग की इस पहल के अंतर्गत महिला परामर्श केंद्र में 187 परिवारों को फिर मिलाया गया। पुलिस ने इस पहल को कामयाब बनाने के लिए परामर्शदाताओं को खासतौर से नियुक्त किया था।