नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को तेलंगाना के रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। भारत में उर्वरक उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक और कदम है। रामागुंडम परियोजना की आधारशिला भी 7 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री द्वारा ही रखी गई थी। देश भर में उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार के पीछे उद्देश्य यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। दिसंबर 2021 में, प्रधानमंत्री ने गोरखपुर उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया था, जिसकी आधारशिला भी उनके द्वारा 22 जुलाई, 2016 को रखी गई थी। यह संयंत्र 30 से अधिक वर्षों से बंद पड़ा हुआ था, इसे पुनर्जीवित किया गया और लगभग 8600 करोड़ की लागत से बनाया गया।
पिछले महीने अक्टूबर में हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के बरौनी प्लांट ने भी यूरिया का उत्पादन शुरू किया था। 8,300 करोड़ की लगात से शुरू हुए इस संयंत्र की 12।7 एलएमटीपीए की यूरिया उत्पादन क्षमता है।