भारत में आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है, खासतौर से गांवों में। इंटरनेट के आभाव में ऐसे क्षेत्रों के लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। इन्हीं बातों को ध्यान रखते हुए गांवों और कस्बों में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते दिन यानी सोमवार को ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट्स को लेकर एक रूपरेखा जारी की है। ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट्स का मतलब ऐसे लेनदेन से है, जिसमें इंटरनेट या दूरसंचार कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती।  इसके जरिए आप किसी भी कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों से ऑफलाइन भुगतान कर सकते हैं। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि इस तरह के भुगतान केवल फेस टू फेस ही किए जा सकते हैं।  इसके अलावा आरबीआई ने कुछ और नियम और शर्तें रखी हैं,

ऑफलाइन पेमेंट के लिए आरबीआई के नियम और शर्तें

आरबीआई के नियम के मुताबिक ऑफलाइन पेमेंट के लिए अभी 200 रुपये तक के ट्रांजैक्शन करने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा अधिकतम 10 ट्रांजैक्शन यानी कुल 2,000 रुपये तक का ऑफलाइन ट्रांजैक्शन करने की इजाजत होगी। सबसे बड़ी बात ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट्स में आपको इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें ऑफलाइन तरीके से भुगतान आमने-सामने कार्ड, वॉलेट और मोबाइल सहित किसी भी माध्यम से किया जा सकता है। 

नहीं होगी AFA की आवश्यकता- आरबीआई के मुताबिक ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट के लिए एफटीए यानी एडिशन फैक्टर ऑफ ऑथंटिकेशन एफटीए की जरूरत नहीं होगी। वहीं इसमें पेमेंट ऑफलाइन तरीके से होगा, इसलिए ग्राहकों को SMS या ई-मेल के जरिए मिलने वाला अलर्ट कुछ देर के बाद मिलेगा। देश के विभिन्न हिस्सों में सितंबर 2020 से जून 2021 के दौरान पायलट आधार पर ऑफलाइन पेमेंट शुरू किया गया था। इसपर अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद ये रूपरेखा तैयार की गई है।