भोपाल । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से बगावत करके गए,सभी 23 पूर्व और वर्तमान विधायकों को टिकट दिलाने पर आमादा हैं। भाजपा ने टिकट काटने का जो फार्मूला तैयार किया है। उससे महाराज पूरी तरह से असहमत हैं। उपचुनाव के दौरान जो विधायक चुनाव हार गए थे। ज्योति रादित्य सिंधिया उन्हें भी भाजपा की टिकट देने पर अड़े हुए हैं। 
प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं आए। उनकी नाराजगी और बैठक में नहीं आने का यह महत्वपूर्ण कारण था। सिंधिया की नाराजगी के चलते ग्वालियर और चंबल संभाग की राजनीति में अनिश्चय की स्थिति पैदा हो गई है। 
उल्लेखनीय है, कि उपचुनाव में पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया, रघुराज सिंह कंसाना और रणवीर जाटव जैसे सिंधिया समर्थक उप चुनाव में पराजित हो गए थे। भाजपा संगठन हारे हुए विधायकों को टिकट नहीं देने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा से टिकट नहीं मिलने की दशा में जिन पूर्व विधायकों की टिकट भाजपा कटेगी। वह बसपा या आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 
ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर और चंबल संभाग में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए 3 दिन के संभागीय दौरे में हैं। सिंधिया ग्वालियर, कोलारस, अशोकनगर, मुंगावली,शिवपुरी में अपने समर्थकों से मिलकर राजनीतिक स्थितियों का जायजा लेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से भाजपा में गए सभी 23 विधायकों को टिकट दिलाने अमादा है। वहीं ग्वालियर चंबल संभाग में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इसके पक्ष में नहीं हैं। 
टि्वटर अकाउंट में सिंबल बदला
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर अकाउंट में जहां पर बीजेपी लिखा हुआ था। उसके स्थान पर अब पब्लिक सर्वेंट लिखा हुआ नजर आ रहा है। इसके बाद से ही भाजपा में हलचलें बढ़ गई है।