हिंदू धर्म ज्योतिष शास्त्र (jyotish shastra) में शनि देव (shani dev) को न्याय का देवता माना जाता है. हालांकि कहीं-कहीं शनि को पापी ग्रह भी कहा जाता है. किसी की भी कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति नुकसानदायक होती है.

इसके साथ ही शनि को कर्म का देवता भी कहते हैं. ये माना जाता है कि ये इंसान को उसके कर्मों के मुताबिक ही फल (famous shani temples) देते हैं. अगर साढ़ेसाती के दौरान काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं तो, शनि का प्रकोप मंडराता है. लेकिन, ऐसे टाइम पर कुछ उपाय करके शनि के प्रभाव को कम (famous shani temples) किया जा सकता है. वो ऐसे कि भारत में शनि देव के कुछ ऐसे मंदिर हैं, जिसे बेहद चमत्कारी माना जाता है. माना जाता है कि यहां दर्शन करने से शनि की पीड़ा सहित जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. तो, चलिए आपको शनि देव के उन चमत्कारी मंदिरों (4 famous shani temples) के बारे में बताते है.
मध्यप्रदेश में स्थित मंदिर
ये मध्यप्रदेश का सबसे प्रचीन शनि मंदिर है. जो कि मुरैना जिले के ऐंती गांव में पहाड़ियों पर स्थित है. माना जाता है कि ये रामायण काल का स्थान है. पुराणों में वर्णित कथाओं के मुताबिक रावण की कैद से मुक्त होने के बाद हनुमान जी ने शनि देव को यहीं छोड़ा था. ये भी माना जाता है कि यहां शनि पर्वत की परिक्रमा करने से शनि के श्राप से छुटकारा (famous shani temple in madhya pradesh) मिल जाता है.

छतरपुर में स्थित मंदिर
शनि देव को समर्पित यह मंदिर नई दिल्ली के छतरपुर रोड में स्थित है. इस मंदिर में शनि देव की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यहां दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं. इसके साथ ही यहां शनि देव की प्राकृतिक मूर्ति की पूजा होती है. माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से सभी पाप धुल (shani temple in chattarpur) जाते हैं.
पुदुचेरी में स्थित मंदिर
ये मंदिर पुदुचेरी के तिरुनल्लर में स्थित है. शनि देव को समर्पित ये मंदिर तमिलनाडु के पास है. इस मंदिर को नवग्रह मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. कावेरी नदी के किनारे स्थित ये शनि मंदिर सबसे पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने के बाद राजा नल को शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल (shanidev famous temple in pondicherry) गई थी.

इंदौर में स्थित मंदिर
इंदौर में शनि देव का प्राचीन चमत्कारिक मंदिर मौजूद है. ये मंदिर इंदौर के जूनी में स्थित है. इस मंदिर के बारे में अनेक कथाएं प्रचलित हैं. माना जाता है कि इस जगह पर अहिल्याबाई शनि देव की पूजा करने आई थीं. इसके अलावा माना ये भी जाता है कि इस मंदिर की स्थापना नहीं (shani temple in indore) की गई है.