भोपाल । भारतीय संस्कृति में शिव पार्वती प्रसंग का विशेष महत्व है। माता पार्वती का तप भगवान शिव को पाने को लेकर रहा है। लक्ष्य के प्रति एक साधक की साधना का यह अनुपम उदाहरण है। इसी तरह विद्यार्थियों को कला और शिक्षा के क्षेत्र में एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रमुख डॉ मनोज कुमार ने जीपी बिरला संग्रहालय भोपाल में आयोजित चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने सहभागिता करने वाले विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। वरिष्ठ मूर्तिकला विशेषज्ञ देवीलाल पाटीदार ने कहा कि परंपरा से प्राप्त चित्र मूर्ति शिल्प से प्रेरित होकर यह नवसृजन बहुत सुंदर व सार्थक है। इस अवसर पर विख्यात पुरातत्वविद नारायण व्यास ने शिवरात्रि पर्व को देखते हुए प्रदर्शनी को सार्थक बताया और कहा कि विद्यार्थियों का प्रयास उत्तम है।
मूर्तिकला विशेषज्ञ विनय सप्रे ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्र अत्यंत प्रशंसनीय है। इसमें भारतीय परंपरा के दर्शन होते हैं। वरिष्ठ साहित्यकार भंवरलाल श्रीवास, पुरातत्वविद मोहन माहेश्वरी, विश्वविद्यालय की चित्रकला विभाग की प्रमुख डॉ वंदना शर्मा तथा वरिष्ठ साहित्यकार श्रीराम माहेश्वरी ने अपने उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन बीके लोखंडे ने किया। विकास दुबे ने आभार माना। आरंभ में संग्रहालय की ओर से अतिथियों का स्वागत किया गया और शाल श्रीफल से उनका सम्मान किया। मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया।