सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नीट पीजी-2021 में 1456 खाली सीटों पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो वह आदेश पारित करेगा और उन्हें मुआवजा भी देगा। न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने एमसीसी के वकील से कहा, 'भले ही एकल पाठ्यक्रम खाली रह गया हो... यह देखना आपका कर्तव्य है कि सीटें खाली न रहें।' 

पीठ ने इस पर नाराजगी जताई कि 2021-22 सत्र में मेडिकल कालेजों में 1456 सीटें खाली रह गई हैं। एमसीसी और केंद्र सरकार छात्रों के लिए काउंसलिंग का माप अप राउंड आयोजित नहीं करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पीठ ने कहा, 'आप छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं...' पीठ ने कहा कि मई में अधिकारियों को पता चला कि सीटें खाली हैं, तो उन्होंने माप अप राउंड क्यों नहीं किया।

पीठ ने एमसीसी के वकील से कहा, 'काउंसिलिंग के दौरान आप सीटों को क्यों जोड़ रहे हैं? एक कट आफ होना चाहिए कि आज की तारीख में कई सीटें हैं...' इस पर एमसीसी के वकील ने कहा कि इस मामले में आदेशों का व्यापक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह मामले को स्पष्ट करने के लिए उन्हें एक हलफनामा पेश करने की अनुमति दें।