नई दिल्‍ली। विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर जारी बहस के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का भाषण हो रहा था, तब विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी से पूछा कि क्‍या महिलाओं की चिंता सिर्फ महिलाएं ही कर सकती हैं, पुरुष उनके लिए कुछ नहीं बोल सकते? आप किस प्रकार के समाज की रचना चाहते हैं?
महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया गया है। इस पर सोनिया गांधी ने अपने भाषण के दौरान कुछ सवाल उठाए थे। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत चर्चा के लिए खड़े हुए। तभी कांग्रेस सांसद चौधरी और अन्‍य सांसदों ने हंगामा किया। यह देखकर शाह अपनी सीट से खड़े हुए और उन्‍होंने अधीर रंजन पर कई सवाल दागे। 
कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा कि सरकार को एक महिला सांसद को बोलने के लिए नामांकित करना चाहिए था। इसपर गृहमंत्री शाह ने हस्तक्षेप कर बीच में बोलने के लिए चौधरी को आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के भाषण पर रंजन को शायद ईर्ष्या हो रही होगी क्योंकि उन्हें पहले बोलने का मौका नहीं मिला। शाह ने कहा कि मैं अधीर रंजन जी से पूछना चाहता हूं कि क्या केवल महिलाएं ही महिलाओं के लिए बोलेंगी, क्या पुरुष इसके लिए नहीं बोल सकते? आप कैसा समाज बनाना चाहते हैं?
शाह ने कहा कि महिला कल्याण, महिला सरोकार… पर भाइयों को एक कदम आगे रहना चाहिए। यही देश की परंपरा है। हर किसी के पास महिलाओं के कल्याण के बारे में सोचने का अधिकार है। और जब हमारी तरफ से निशिकांत जी बोलने के लिए खड़े हुए है, तब अधीर को क्‍या आपत्ति थी? शायद इसलिए कि उन्हें सबसे पहले बोलने का मौका नहीं मिला, उन्हें थोड़ी जलन हो रही है।