भोपाल । देश में पुराने वाहनों को नष्ट करने के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी लागू हो गई है। इसके तहत कोई भी वाहन मालिक अपने वाहन को 15 साल से ज्यादा पुराना होने पर या इससे पहले भी भंगार हो जाने पर नष्ट कर सकेगा। विभाग भी किसी भी वाहन को ऐसी स्थिति में पाता है तो नष्ट करवाने के आदेश दे सकेगा। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वाहनों को स्क्रैप करने के लिए शहर में एक भी स्क्रैप यार्ड अब तक शुरू नहीं हुआ है। इसके कारण शासन की नीति का न तो पालन हो पाएगा, न ही वाहन मालिकों को वाहन स्क्रैप करवाने के बाद नया वाहन लेने पर मिलने वाली छूट का लाभ मिल पाएगा।
देश में पुराने वाहनों से होने वाले प्रदूषण और हादसों को रोकने के लिए कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश में पहली बार वाहन स्क्रैप पॉलिसी तैयार की थी। इसे 3 अप्रैल से ही पूरे देश में लागू कर दिया गया है। इस योजना के तहत कोई भी वाहन भंगार होने पर वाहन मालिक या जरूरी समझे जाने पर शासकीय विभाग स्क्रैप करवा सकेगा। वाहन मालिक स्वेच्छा से यह काम करें, इसके लिए शासन ने उन्हें पुराने वाहन को स्क्रैप करवाने पर नया वाहन लेने पर टैक्स और फीस में छूट का प्रावधान भी किया है। लेकिन शासन ने जितनी गंभीरता इस पॉलिसी को बनाने में दिखाई उतनी इसे लागू करने में नजर नहीं आ रही है, क्योंकि भोपाल में अब तक एक भी स्क्रैप यार्ड नहीं खुला है। इसके चलते वाहन मालिक चाहकर भी अपना वाहन स्क्रैप नहीं करवा सकते। अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में देवास में एक स्क्रैप यार्ड शुरू हुआ है, जहां पर जाकर वाहन मालिक चाहें तो वाहन को स्क्रैप करवा सकते हैं, वहीं जल्द ही भोपाल में भी स्क्रैप यार्ड शुरू होंगे।
टैक्स में छूट के साथ ही नए वाहन पर वीआईपी नंबर भी लेने की छूट
शासन ने स्क्रैप पॉलिसी के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा उत्साह दिखाने के लिए टैक्स में छूट के साथ ही पुराने वाहन का वीआईपी नंबर भी नए वाहन पर ट्रांसफर किए जाने की व्यवस्था बनाई है। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति अपने पुराने वाहन को स्क्रैप करवाता है तो परिवहन विभाग उस वाहन के वीआईपी नंबर को उसी श्रेणी के वाहन पर उसी वाहन मालिक के नाम पर ट्रांसफर भी कर देगा। इसके लिए वाहन मालिक को नंबर लेते वक्त चुकाई गई राशि या 15 हजार रुपए जो ज्यादा हो वो चुकाना होगी, लेकिन इससे वह अपने पसंदीदा नंबर को गाड़ी नष्ट हो जाने के बाद भी नई गाड़ी पर रख सकेगा। कई वाहन मालिक इस व्यवस्था के तहत भी अपने काफी पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाना चाहते हैं, लेकिन स्क्रैप यार्ड न होने के कारण उन्हें इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है।