वॉशिंगटन । ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ये सुपर अर्थ हाइड्रोजन या हीलियम से भरपूर हैं जो हमारे रहने के लिए पृथ्वी से भी बेहतर हो सकते हैं। हमारे सौर मंडल के बाहर पृथ्वी जैसा ही कई ग्रह हैं। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, ये एक्सोप्लैनेट चट्टानी सतह वाले हैं। शोध में पाया गया कि हाइड्रोजन और हीलियम से इन ग्रहों का वायुमंडल भरा है और इसकी सतह उतनी गर्म होगी जहां पानी अपने तरल रूप में रहे। पानी का होना जीवन के लिए अनुकूल है।
 शोधकर्ताओं का मानना है कि ये ग्रह 8 अरब वर्षों तक रहने योग्य स्थिति दे सकते हैं, जहां जीवन का विकास हो सके। पृथ्वी इसकी तुलना में 4.5 अरब वर्ष पुरानी है। पृथ्वी पर अगले 1.5 अरब वर्ष तक जीवन फल-फूल सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ब्रह्मांड में कुछ ग्रह हमारे ग्रह से अधिक रहने योग्य हो सकते हैं। स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने नई रिसर्च की है जो नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुई है। शोधकर्ताओं ने लगभगल 5000 ग्रहों का मॉडल तैयार किया। इस स्टडी के लेखकों का कहना है कि सुपर अर्थ हमारे ग्रह से बहुत कम समानता रखते हैं। उच्च दबाव पर भी यहां जीव पनप सकता है। शोध में कहा गया है कि समुद्री तलों और खाइयों की दबाव सीमा के नापने के तरीके से पता चला है कि इन ग्रहों का सतही दबाव 100-1000 बार के क्रम में है।
जीवन के पनपने को लेकर कोई सैद्धांतिक सीमा नहीं है। पृथ्वी के जीवमंडल को ही देखें तो कई जीव 500 बार पर पनपते हैं।पृथ्वी की तुलना में इन ग्रहों का वायुमंडल 100 से 1000 गुना ज्यादा मोटा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जेम्स वेब टेलीस्कोप इन ग्रहों पर जीवन होने की संभावना को बेहतर तरीके से खोज सकता है। अरबों साल पहले शुरुआती ब्रह्मांड में सिर्फ हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसें थीं जो ग्रहों के निर्माण के लिए पर्याप्त थीं। इन्हीं से हमारे सूर्य जैसे सितारों का जन्म हुआ। पृथ्वी समेत हर ग्रह ने वायुमंडल का निर्माण किया, जिसमें हाइड्रोजन और हीलियम जरूर होते हैं।