बिलासपुर में जज और वकीलों को लेकर विवाद हो गया है। जानकारी के मुताबिक, फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के बीच तलाक का एक मामला चल रहा है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान महिला की ओर से वकील दाऊ चंद्रवंशी पैरवी कर रहे थे। कोर्ट के आदेश पर भी महिला को पति से भरण पोषण की राशि नहीं दी जा रही थी। इस दौरान पति की ओर से वकील ने समझौता करने का प्रस्ताव रखा। कहा कि 6 लाख रुपए तत्काल ले ले। तब वकील दाऊ चंद्रवंशी ने कहा कि 6 लाख रुपए तो भरण पोषण का ही बकाया है। ऐसे में अतिरिक्त रकम देना चाहिए।

इस दौरान दोनों पक्षों में सुलह नहीं होने पर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद ने केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि तलाक के लिए पति और पत्नी के बीच समझौता नहीं बन पा रहा है। इसलिए इसे दूसरे कोर्ट को भेजा जाएगा। इस पर अधिवक्ता दाऊ चंद्रवंशी ने उन्हें सुनवाई करने का आग्रह किया। आरोप है कि इससे नाराज जज ने सिपाही को बुलवा लिया हौर वकील का हाथ पकड़वा कर कोर्ट से बाहर निकलवा दिया। 

इसकी जानकारी वकील चंद्रवंशी ने जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों को दी। इसके बाद भड़के वकील फैमिली कोर्ट पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर वाजपेयी ने कहा कि फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद के खिलाफ वकील लगातार शिकायत कर रहे थे। वकीलों के साथ दुर्व्यवहार करना गंभीर मामला है। इसलिए आज अधिवक्तागण नाराज हो गए और विरोध-प्रदर्शन करने लगे। इस मामले की शिकायत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से कर कार्रवाई की मांग करेंगे।