भोपाल ।  आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने भोपाल में दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक पीसी शर्मा को गुरुवार देर रात प्रत्याशी घोषित किया था। पहले से शर्मा के टिकट का खुलकर विरोध कर रहे कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना की नाराजगी दूर करने शुक्रवार शाम भोपाल शहर के जिलाध्यक्ष प्रदीप मोनू सक्सेना को हटा दिया। उनकी जगह संजीव सक्सेना के छोटे भाई प्रवीण सक्सेना को जिलाध्यक्ष बना दिया। मप्र कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने प्रवीण सक्सेना को जिलाध्यक्ष बनाने का आदेश जारी कर दिया। प्रवीण सक्सेना वर्तमान में नगर निगम वार्ड-30 से पार्षद हैं। यह वार्ड दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में ही आता है।

संजीव सक्सेना थे टिकट के दावेदार

उनके भाई संजीव सक्सेना ने बीते माह माता मंदिर अटल पथ पर एक सभा का आयोजन कराकर दावेदारी पेश की थी। इसके बाद जगह-जगह होर्डिंग लगाकर कांग्रेस से दावेदारी जताई थी। टिकट नहीं मिलने से सक्सेना कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे थे। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने उनके भाई प्रवीण को जिलाध्यक्ष बनाकर डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया है। जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए प्रदीप मोनू सक्सेना को छह जुलाई 2023 में ही जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। इससे पहले कैलाश मिश्रा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे।

आतिफ के विरोध में नासिर इस्लाम ने छोड़ी पार्टी

इधर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी जता रहे नासिर इस्लाम ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस ने उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील को प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज होकर नासिर ने इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। वो निर्दलीय, सपा या किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं, जो कांग्रेस के लिए मुसीबत साबित होगा। नासिर इस्लाम ने 2008 में मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। मध्य विधानसभा क्षेत्र से आरिफ मसूद का टिकट की उम्मीद अधिक होने से उत्तर विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी थी।

पूर्व विधायक जितेंद्र डागा ने खोला मोर्चा

इसके अलावा हुजूर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए नरेश ज्ञानचंदानी का भी विरोध शुरू हो गया है। भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक जितेंद्र डागा ने ज्ञानचंदानी का टिकट काट कर उन्हें टिकट देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा से कांग्रेस में शामिल होते समय पार्टी संगठन की ओर से मुझे आश्वासन दिया गया था मेरे साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा। मैं वर्ष 2008 से 2013 तक हुजूर क्षेत्र का विधायक रहा। इस दौरान मेरी सक्रियता और कार्यों का प्रमाण है कि मुझ पर किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं है तथा जनता मुझ पर विश्वास करती है। इसके साथ ही उन्होंने कमल नाथ व दिग्विजय सिंह से अनुरोध किया है उन्हें एक मौका दिया जाए।