आज के जमाने में आधिकतर लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। बहुत से लोगों को इसके होने का पता ही नहीं चल पाता, इसलिए इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। अगर इसे कंट्रोल में नहीं रखा जाए, तो स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी खराब होने का खतरा रहता हैं। हालांकि हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना संभव है। अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या इससे ज्यादा होता है, तो इसे हाई बीपी यानी हाइपरटेंशन कहा जाता है। देश में हर तीन में एक व्यक्ति हाइपरटेंशन से पीड़ित है। आज हम आपको ऐसी कुछ चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हाई बीपी को बढ़ावा देते हैं।

अकेलापन

आज के जमाने में ज्यादातर लोग खुद को सोशल मीडिया में व्यस्त रखते हैं या तो वीकेंड पर भी काम करते हैं। जिसकी वजह से उनका बाहर आना जाना बंद हो जाता है। इसके कारण अकेलापन भी बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर लोग मिलने के बजाय ओन पर ही हाय-हैलो करना पसंद करते हैं। लेकिन तनाव कम करने के लिए और दूसरों का प्रेशर कम करने के लिए वीकेंड पर दोस्तों के साथ या रिश्तेदारों के साथ समय बिताना जरूरी है। इससे आपका दिमाग फ्रेश रहता है और तनाव कम होता है। लंबे समय तक अकेले रहने से डिप्रेशन होता है जिससे हाई बीपी की समस्या होती है।

लंबे समय तक यूरिन रोकना

बार-बार लंबे समय तक यूरिन को रोककर रखने से ब्लैडर की मांसपेशियां खींचती है और कमजोर हो जाती हैं, जिस वजह से लंबे समय के बाद बीपी की समस्या होती हैं।

डिकॉन्गेस्टेंट (सर्दी-खांसी की दवा)

लंबे समय तक डिकॉन्गेस्टेंट का उपयोग करने पर ब्लड वेसेल पतले हो जाते हैं। जिससे भी बीपी की समस्या होती है।

डिहाइड्रेशन

डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) अगर शरीर में पानी की कमी होती है, तो ब्लड वेसेल सख्त हो जाते हैं। जिससे बीपी की समस्या होती है।

पेनकिलर

ज्यादातर लोग थोड़ा सा दर्द होने पर भी पेनकिलर ले लेते हैं, लेकिन इसका सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। तुरंत राहत पहुंचाने वाली ये दवाइयां सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। ये हाई बीपी की समस्या पैदा कर सकती हैं।