बालाघाट।   दक्षिण वनपरिक्षेत्र सामान्य बालाघाट के रट्टा क्षेत्र के राजस्व भूमि के नाला में वन्यप्राणी बाघ का शव मिलने से वन अमले में हड़कंप का माहौल निर्मित हो गया है। यहां सूचना मिलने पर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर नाला से बाघ के शव को निकालकर पशु चिकित्सक के द्वारा बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराने के उपरांत उसका अंतिम संस्कार कर मामले को विवेचना में लिया है।

12 से 13 दिन पुराना है बाघ का शव : 

दक्षिण वन परिक्षेत्र का गांगुलापारा व लौंगुर का जंगल है, जहां बहुतायत में बाघ विचरण करते हैं और वन विभाग का अमला भी लगातार इस क्षेत्र में गश्त करता है बावजूद इसके 12 से 13 दिन पहले बाघ का शिकार कर उसके शव को नाला में दफनाया गया है और वन विभाग को इसकी खबर तक नहीं लग पाई है।

कुछ अवशेष दिख रहे थे बाहर :

 शिकार के बाद बाघ के शव को रट्टा के नाला में दफनाया दिया गया जिसके कुछ अवशेष आधा कंधा, एक पैर ओर पीछे के कुछ अवशेष दिखाई दे रहे थे साथ ही शव से दुर्गंध आने के चलते ही पता चल पाया कि बाघ का शव दफनाया गया है। जिसकी जानकारी वन अमले को सोमवार को लगी और वन अमले ने शव को बरामद कर कार्रवाई में लिया है।

पोस्टमार्टम में नहीं हो पाया खुलासा, अब जांच रिपोर्ट से उम्मीद :

 बाघ का शव काफी दिन पुराना होने के कारण पूर्ण रूप से सड़ गया है। जिसके चलते ही मौके पर पहुंच पशु चिकित्सक को भी पोस्टमार्टम करने पर कुछ पता नहीं चल पाया है बाघ का शिकार किस तरीके से किया गया हैं। जिसके चलते ही बाघ की बिसरा सैंपल लेकर जांच के लिए रिपोर्ट देहरादून भेजी गई है, जहां से ही खुलासा हो पाएगा कि बाघ का शिकार आखिर किस तरह से किया गया है।

इनका कहना है :

दक्षिण वनमंडल सामान्य के रट्टा के राजस्व के नाला में बाघ का शव मिला है। मौके पर पहुंचकर बाघ के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराकर शव का अंतिम संस्कार किया गया है सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं जिसके बाद ही बाघ की मौत का खुलासा हो सकेगा। मौके की परिस्थिति से बाघ के शिकार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

 धर्मेंद्र बिसेन, रेंजर, दक्षिण वनमंडल सामान्य