लंदन । द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजीयों के कैदी कैंप से ‘ग्रेट एस्केप’ करने वाले ब्रिटिश कैदी द्वारा पहनी गई रोलेक्स की घड़ी नीलाम हो गई है। इसकी नीलामी न्यूयॉर्क (यूएस) में हुई। घड़ी के लिए सर्वाधिक बोली 1,89,000 डॉलर (1.47 करोड़ रुपये से अधिक) की लगी। बता दें कि एडॉल्फ हिटलर की पार्टी के नाम का छोटा रूप नाजी पार्टी था। तब के जर्मनी को नाजी जर्मनी कहा जाता है। घड़ी के खरीदार का नाम अभी सामने नहीं आया है। घड़ी की बिक्री कीमत का अनुमान 2 लाख से 4 लाख डॉलर लगाया जा रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
24 मार्च 1944 को अलायड फोर्सेज के सैनिकों का एक समूह नाजी प्रिजनर कैंप से भाग निकला था। इसकी योजना बनाने वाले लोगों में गेराल्ड इमेसन नामक एक सैनिक भी शामिल थे। यह घड़ी उन्हीं की थी। इसी घटना पर आधारित 1963 में स्टीव मैक्वीन अभिनीत एक फिल्म आई जिसका नाम ‘द ग्रेट एस्केप’ था। 
घड़ी की नीलामी आयोजित करने वाली ऑक्शन कंपनी ने कहा है कि इमेसन ने रेडक्रॉस के जरिए घड़ी को स्विटजरलैंड से मंगवाया था। जिसे रेडक्रॉस ने प्रिजन कैंप में डिलीवर किया था. यह कैंप आज के पोलैंड के एक शहर जगन के पास स्थित था। ऑक्शन हाउस का कहना है कि काले चमकदार डायल वाली यह स्टील की घड़ी कैदियों के वहां से भागने में काफी मददगार साबित हुई थी। इस घड़ी से इमेसन को यह पता लगाने में मदद मिली थी कि कैदियों को रेंगकर टनल पार कर में कितना समय लगेगा। साथ ही इससे उन्हें गार्ड्स की पैट्रोलिंग का भी टाइम पता चला था। इस प्लान में करीब 200 कैदी शामिल थे। भागने वालों की कतार में इमेसन 172वें स्थान पर थे। हालांकि, केवल 76 लोग ही वहां से भाग पाए। इनमें इमेसन शामिल नहीं थे। इसके बाद केवल 3 कैदियों को छोड़कर बाकी सभी पकड़ा गए। इनमें से 50 कैदियों को मार दिया गया। इमेसन 1945 में युद्ध खत्म होने के बाद एक अन्य प्रिजन कैंप से आजाद हुए। 
इमेसन ने यह घड़ी अपने 2003 में अपनी मौत तक पहनी। इससे पहले 2013 में ब्रिटेन में इस घड़ी को नीलाम किया गया था। इस घड़ी के साथ खरीदार को एक रॉयस एयरफोर्स की सीटी और गोल्डफिश क्लब की मेंबरशिप मिलती है। यह क्लब उन पायलट व क्रू के लिए आरक्षित है जो समुद्र में क्रैश लैंड होने के बाद बच गए।