आसमान छूती महंगाई के बीच भीषण गर्मी ने गेहूं उत्पादन के मोर्चे पर बड़ा झटका दिया है। इस साल देश में 20 साल में सबसे कम गेहूं उत्पादन हुआ है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गेहूं उत्पादन होता है, लेकिन इन राज्यों में भी गर्मी का प्रकोप रहा। फसल कटाई के बाद जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इन तीनों राज्यों में गेहूं उत्पादन में दो दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। मार्च में ही कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया था। इससे पंजाब में खेतों में पकने वाले गेहूं के डंठल का रंग सुनहरे पीले से बदलकर भूरा हो गया, जो फसल खराब होने का संकेत है। यह नुकसान 2010 और 2019 से भी बड़ा है। 2010 में भी इस साल की तरह देश भीषण गर्मी और लू की चपेट में था, जिससे गेहूं उत्पादन प्रभावित हुआ था। हालांकि, 2019 में गर्मी और लू का प्रकोप कम था, फिर भी फसल को नुकसान हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं जैसी मुख्य फसल पर मौसम की मार दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा पर जोखिम का संकेत है। गेहूं उत्पादन वाले इलाके भौगोलिक रूप से प्रभावित हो सकते हैं। जल्द कोई उपाय नहीं किए गए तो गर्मी और बढ़ेगी।