नई दिल्ली । भारत के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज सोमवार को मतदान चल रहा है। देश के सभी निर्वाचित सांसद और विधायक इस चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। चुनाव खत्म होने के बाद विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं से मतपेटियां दिल्ली लाई जाएंगी और फिर 21 जुलाई को वोटों की गिनती होगी। इसी दिन देश के अगले राष्ट्रपति के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे। एनडीए ने पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा विपक्ष के प्रत्याशी हैं। तीन दिन बाद साफ हो जाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें आपको बताते हैं।
एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुना जाना तय माना जा रहा है। अगर द्रौपदी राष्ट्रपति बनती हैं तो वह आदिवासी समुदाय की देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली शख्सियत होंगी।
द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के अलावा बीजेडी, वाईएसआरसीपी, बसपा, एआईएडीएमके, टीडीपी, जनता दल (एस), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और जेएमएम का समर्थन मिला है। यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, एनसीपी, सपा और राजद के अलावा कई अन्य दलों ने अपना समर्थन दिया है।
देश के 4800 से ज्यादा निर्वाचित सांसद और विधायक राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान में हिस्सा लेंगे। मौजूदा राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा।
राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है। सांसद का वोट मूल्य पिछले चुनाव के 708 के मुकाबले कम हुआ है। उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट का मूल्य सबसे अधिक 208 है। वहीं, झारखंड और तमिलनाडु के विधायकों के मत का मूल्य 176 है। महाराष्ट्र के विधायकों के वोट का मूल्य 175 है। सिक्किम के एक विधायक के वोट का मूल्य केवल सात है जो पूरे देश में सबसे कम है।
इस बार राष्ट्रपति चुनाव में मतों का कुल मूल्य 10,86,431 है। द्रौपदी मुर्मू को 6,67,000 मत मूल्य मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति का चुनाव बैलेट पेपर से होता है। इसमें सभी उम्मीदवार के नाम होते हैं और प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताएं अंकित कर सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इस चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का उपयोग नहीं होता है ताकि निर्वाचक सबको वरीयता दे सके।
सांसदों और विधायकों को अलग-अलग रंग का मतपत्र मिलता है। सांसद को हरे रंग का जबकि विधायकों को गुलाबी रंग का मतपत्र मिलेगा। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को अपने मतपत्रों को चिह्नित करने में सक्षम बनाने के लिए बैंगनी स्याही के साथ एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया पेन जारी किया है।