सैन डिएगो । अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में एक 38 वर्षीय महिला को रुपयों की हेराफेरी के मामले सजा से बचने के लिए किए फर्जी कैंसर का दावा काफी भारी पड़ गया और तीन गुनी सजा भुगतना पड़ी। महिला ने खुद को जेल जाने से बचाने के लिए कैंसर से पीड़ित होने का दावा किया जो बाद में फर्जी निकला और अब महिला को एक साल की बजाय तीन साल जेल की सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाने वाले संघीय न्यायाधीश को सौंपे गए एक नोट में कहा गया कि आरोपी महिला के गर्भाशय में 'कैंसर की कोशिकाओं' का पता चला है। इसके बाद न्यायाधीश को बताया गया कि आरोपी की सर्जरी चल रही है और उसका कैंसर फैल गया है। तीसरे पत्र में कहा गया कि उसकी नाजुक स्थिति के कारण उसे उन हालात में नहीं रखा जा सकता जहां वह 'कोविड-19 से संक्रमित हो सकती है।'
संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारियों का हालांकि कहना है कि कैंसर होने की बात और उससे संबंधित पत्र सब कुछ फर्जी है तथा एश्ली लिन शावेज को अब तीन गुना अधिक समय के लिए जेल में रहना होगा। अदालत ने पहले उसे एक साल जेल की सजा सुनाई थी जिसे बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है। शावेज ने अपने पूर्व नियोक्ता से 1,60,000 डॉलर से अधिक पैसे की हेराफेरी की और इस मामले में 2019 में दोषी होने की याचिका दायर की। कैंसर से पीड़ित होने के फर्जी दावे ने आरोपी महिला को जमानत पर 31 मार्च 2021 तक जेल जाने से बचाए रखा। इसके बाद अदालत में सौंपे नोट के जरिये उसे तीन महीने की और मोहलत मिली। कैलिफोर्निया के सदर्न डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी कार्यालय ने यह जानकारी दी। संघीय अधिकारियों ने कहा कि यह सब होने के बाद शावेज छह महीने तक जेल जाने से बची रही।
खबर के मुताबिक, शावेज के वकील बेंजामिन किंगटन ने कहा कि शावेज को अपने नवजात शिशु से अलग होने का डर सता रहा था। अदालत को सौंपे गए नोट में यह भी दावा किया गया कि महिला बीमारी के चलते काम करने में भी अक्षम है और अपने पूर्व नियोक्ता को हर्जाने की रकम अदा नहीं कर सकती। शावेज के दो अलग-अलग वकीलों ने यह माना कि नोट में कही बात सही हैं और उन्हें अदालत में सौंपा गया। अगस्त 2021 में शावेज ने फर्जी नोट सौंपे जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया कि उसे सजा की अवधि के दौरान घर पर ही नजरबंद कर दिया जाए। एक नोट में कहा गया कि 'जेल में बिताया गया एक साल महिला के लिए मौत की सजा के समान हो सकता है।'
संघीय अधिकारियों ने जब नोट में उल्लिखित डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसा कोई पत्र लिखने की बात से इनकार कर दिया हालांकि, शावेज ने उन डॉक्टरों में से एक से इलाज करवाया था। एफबीआई के विशेष एजेंट स्टेसी मोय ने बयान में कहा, 'इस आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए फर्जी चिकित्सा दस्तावेज बनाए ताकि वह दावा कर सके कि उसे कैंसर है।'