संवाददाता सौरभ बख़्शी मो 9826189686

 

भातखण्डे ललित कला शिक्षा समिति द्वारा संचालित गुरुकुल महिला महाविद्यालय कालीबाड़ी रोड़ रायपुर द्वारा आयोजित 02 दिवसीय नैक स्पॉन्सर्ड राष्ट्रीय संगोष्ठी बैंचमार्किंग एक्सेलेंस इन रिसर्च एण्ड इनोवेशन के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में डॉ. अमिताभ बैंनर्जी, प्राचार्य, शास. जे. योगानंदम् छत्तीसगढ़ महाविद्यालय सत्र की अध्यक्षता किया एवं इन्होने अपने व्याख्यान में ’’एजुकेशनल रिसर्च (एंश्योरिंग क्वालिटी एण्ड रिसर्च)’’ पर जानकारी प्रदान कीं। जिसमें उन्होंने रिसर्च एथिक्स, प्लानिंग, लैक्चर रिव्यु को महत्वपूर्ण बताया जिसमें विद्यार्थी ग्राफिकल प्रस्तुतिकरण पर ज्यादा ध्यान दे, सैद्धांतिक प्रस्तुतिकरण के स्थान पर। 

डॉ. गोवर्धन भट्ट, प्रोफेसर, नेशनल इस्टीट्युट ऑफ टेक्नोलॉजी, रायपुर उपस्थित थे। इनका विषय ’’सांइस फॉर ऑल - सांइटिफिक रिसर्च एण्ड अलाईड सब्जेक्ट’’ पर इन्होने अपने व्याख्यान में शोध क्या है, शोध सत्य है या मिथ्य है, शोध की प्रकृति, परिकल्पना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जब भी आप कोई काम करे, पुरी शिद्दत से करे, किसी के कहने पर ना करे। 

इस सत्र में डॉ. शैलेन्द्र कुमार भारल, प्रोफेसर, वाणिज्य अध्ययन शाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन (म.प्र.) ने उनके व्याख्यान का विषय ’’उच्च शिक्षा में सृजनात्मकता-चुनौतियॉ एवं सरलीकरण घटक’’ रहा। विषय के बारे में बताने से पहले उन्होनंे बेंचमार्किंग के फायदे बताये। बेंचमार्किंग, हमारे गोल को सेट करता है और नई सोच बनाता है साथ ही शोध का अर्थ, आवश्यकताएॅ एवं नवाचारों के प्रकार और उद्गम के बारे में जानकारी दी। इन्होने उच्च शिक्षा में सृजनात्मकता, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास, नैतिकता व आदर्श की स्थापना, सभ्यता एवं संस्कृति का संरक्षण एवं विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण देकर किया जा सकता है। 

 

द्वितीय सत्र में विशेषज्ञ डॉ. पवन आर. नायर विभागाध्यक्ष वाणिज्य केवलरामजी महाविद्यालय गढ़चिरोली, महाराष्ट्र ने ’’रोल ऑफ एक्टेंशन एक्टीविटी इन हायर एजुकेशन एण्ड कम्युनिटी इंजेगमेंट’’ विषय पर जानकारी दी। विडियों के माध्यम से उन्होनंे बताया कि यदि हम एक साथ मिलकर किसी कार्य को करते है तो निःसंदेह उस कार्य में हमें सफलता मिलती है। आज हम अपने छात्राओं को किस तरीके से समाज से जोड़े। इसके लिए रचनात्मक शिक्षा को लेकर आना है ताकि हम स्टुडेंट को आगे ला पाये। एक्सटेंशन एक्टिविटी छात्राओं को सामाजिक मुद्दे पर संवेदनशील बनाता है, समाज की बेहतरी के लिए छा़त्रों को प्रेरित करता है, छात्रों मे नेतृत्व कौशल तथा आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करता है। साथ ही सामाजिक सेवा करने हेतु छात्रो को प्रेरित करता है। एक शिक्षक को सबसे पहले अपने आपसे शुरुआत करनी चाहिए ताकि वह अपने छात्राओं को नये नये तरीकों से समाज के साथ जोड़ पाये। 

द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. तपेश चंद्र गुप्ता, प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, जे. योगानंदम् छत्तीसगढ़ महाविद्यालय ने अपने व्याख्यान मेें बताया कि शोध हमें केवल पढ़ने, डिग्री लेने या जॉब के लिए नही करना चाहिए यह समाज के हित के लिए होना चाहिए। शोध हमारे आसपास सभी जगह है, हम जहां से भी शुरुआत करें। 

महाविद्यालय के अध्यक्ष श्री अजय तिवारी, समिति सचिव श्रीमती शोभा खण्डेलवाल, प्राचार्य डॉ. संध्या गुप्ता, महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक इस सेमीनार में उपस्थित थे। इस सेमीनार के ऑर्गेनाइसिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश अग्रवाल एवं कंवेनर डॉ. अदिति जोशी है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सिमरन वर्मा द्वारा किया गया।

न्यूज़ सोर्स : गुरुकुल महिला महाविद्यालय में आयोजित हुआ 02 दिवसीय नैक स्पॉन्सर्ड राष्ट्रीय संगोष्ठी